Tuesday 12 January 2016

गिरिराज सिंह के संसदीय इलाका की अथ बीजेपी कथा-जिस जिस ने किया श्रवण को मदद वह हुआ टिकट से बेदखल


अशोक प्रियदर्शी
 भाजपा ने नवादा जिले के चार सीटों पर टिकट का फैसला कर दिया है। भाजपा 2010 से एक सीट ज्यादा सीट पर चुनाव लड़ रही है। लेकिन टिकट वितरण में एक तस्वीर सामने आई है कि जिस किसी ने विधान परिषद के स्थानीय निकाय चुनाव में भाजपा प्रत्याशी श्रवण कुशवाहा के मददगार थे। उनका पता साफ कर दिया गया है। जबकि कुशवाहा से अलग रूख रखनेवालों का बल्ले बल्ले रहा है। बताया जाता है कि विधान परिषद के चुनाव में भाजपा से दो उम्मीदवार श्रवण कुशवाहा और विरेंद्र चैहान थे। 
        कुशवाहा के पक्ष में रजौली विधायक कन्हैया कुमार और भाजपा जिलाध्यक्ष विनय कुमार थे। जबकि विरेंद्र चैहान हिसुआ विधायक अनिल सिंह और केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के चहेते थे। लेकिन प्रदेश इकाई ने श्रवण को टिकट दिया था। लेकिन इस चुनाव में जदयू के सलमान रागीव के मुकाबले 213 मतों के अंतर से श्रवण पराजित हो गए। जबकि बागी होकर निर्दलीय चुनाव लड़े चैहान को 216 मत मिले थे। 
      श्रवण कुशवाहा की हार के बाद भाजपा जिलाध्यक्ष विनय कुमार की अध्यक्षता में एनडीए की बैठक हुई थी। बैठक के बाद विनय कुमार ने जारी बयान में गिरिराज सिंह को मंत्री पद और अनिल सिंह को पार्टी से निष्कासित करने की मांग की थी। पार्टी ने अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए जिला कमेटि को भंग कर दिया। नई कमिटी बना दी गई। विनय कुमार को अध्यक्ष पद से हटा दिया गया। बता दें कि विनय नवादा विधानसभा क्षेत्र के उम्मीदवार थे। 
       बताया जाता है कि विनय का पता साफ करने के लिए भाजपा का परंपरागत नवादा सीट वारिसलीगंज को दे दिया गया। वारिसलीगंज से बाहुबली अखिलेश सिंह की पत्नी अरूणा देवी को उम्मीदवार बनाया गया। यही नहीं, नवादा सीट वारिसलीगंज को देकर एक साथ कई विरोधियों को चीत कर दिया गया है। बाहुबली श्रवण कुमार ने भी श्रवण कुशवाहा के पक्ष में काम किया था। लेकिन निराशा मिली।
यही नहीं, गोविंदपुर सीट भाजपा को दे दी गई।  जबकि इस सीट पर लोजपा के जिलाध्यक्ष अजीत यादव उम्मीदवारी कर रहे थे। अजीत यादव ने भी श्रवण कुशवाहा के लिए काम किया था। लेकिन इस सीट पर छनौन पंचायत की पूर्व मुखिया रंजीत यादव की पत्नी फूला देवी यादव को उम्मीदवारी दी गई है। वहीं रजौली में विधायक कन्हैया कुमार की जगह जिला पार्षद अर्जुन राम को टिकट दे दिया गया। हालांकि कन्हैया ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि उनका टिकट केन्द्र और राज्य के पदाधिकारियों ने नही बल्कि केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कटवाया है।
देखें तो, 1977 में जनता पार्टी की जीत को छोड़ दें तो बाकी चुनावों में गोविंदपुर और वारिसलीगंज में भाजपा ने कभी जीत नही दर्ज की।
जबकि नवादा जनसंघ के समय से भाजपा की सीट रही है। दो दफा जनसंध और एक दफा भाजपा जीत दर्ज की है। जबकि रजौली में एक दफा जनसंघ और तीन दफा भाजपा जीती है। 2010 के चुनाव में कन्हैया कुमार ने राजद के प्रकाशवीर को 14090 मतों के अंतर से पराजित किया था।

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