Tuesday 12 January 2016

सोनियाजी बोलीं थी कि वीणा जैसी महिलाओं को सदन में आना चाहिए


अशोक प्रियदर्शी
लोहपरपुरा पंचायत की पूर्व मुखिया वीणा देवी के एक रिश्तेदार से वारिसलीगंज के गोड़ापर पैंगरी पंचायत की पूर्व मुखिया पुत्र ने एक लाख 60 हजार रूपए नौकरी दिलाने के नाम पर ले लिया था। पिछले तीन साल बाद भी पैसे लौटाने में आनाकानी कर रहा था। वीणा ने पहल की। पूर्व मुखिया पुत्र चंदन के खिलाफ एफआईआर कराई। पिछले दिनों उसे जेल भिजवा दी। वीणा के मुताबिक, एक विधायक ने उनपर दबाव बनाया। लेकिन वह डरी नही। वीणा के साहस की यह पहली घटना नही है। वीणा के जीवन में ऐसे संघर्षों की कथा भरी पड़ी है। 
लेकिन राजनीतिक दलों को वीणा जैसी महिला रास नही आती। राजनीतिक दलों ने वीणा को कभी तवज्जों नही दिया। जिन दलों ने तवज्जों दिया भी वह उनके नाम का इस्तेमाल किया। वीणा कहती हैं कि जातिवाद, धनबल और बाहुबल के बढ़ते प्रभाव के कारण उन जैसी महिलाओं के लिए राजनीति में कोई स्थान नही है। उनकी आर्थिक स्थिति कमजोर है। जाति की तादाद भी कम है। लिहाजा, चुनाव की राजनीति से उन जैसी महिलाओं को अलग रखा जाता है। हालांकि वह कांग्रेस से जुड़ी रही। अब राजद से।
वीणा कहती हैं कि 30 अगस्त को स्वाभिमान रैली में गई थी। सोनिया मैडम और राबड़ी मैडम से मुलाकात की कोशिश की। लेकिन सुरक्षा बलों ने उन्हें रोक दिया।  इसका अफ़सोस है.  लिहाजा, वह भीड़ का हिस्सा बनी रही। उम्मीद थी कि उनकी मुलाकात के बाद सोनिया मैडम की याद ताजा हो जाती। क्योंकि 2007 मंे सोनिया गांधी ने एक सम्मान समारोह में कहा था कि वीणा जैसी महिला को सदन में आना चाहिए। 

वीणा इज द बेस्ट मुखिया आॅफ इंडिया, ऐसी महिला को सदन में आना चाहिए 
2007 में अतंरराष्टीय महिला दिवस के अवसर पर दिल्ली में महिला और बाल विकास मंत्रालय  द्वारा अनन्या कार्यक्रम आयोजित किया गया था। इस कार्यक्रम में वीणा केे साहसिक संघर्ष को सलाम किया गया था। तब यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी ने वीणा देवी को सम्मानित किया था। तब सोनिया गांधी ने कहा था कि वीणा इज द बेस्ट मुखिया आफ इंडिया। वीणा कहती हैं कि तब सोनिया गांधी उनसे बातचीत में कहा था कि ऐसी महिला को सदन में आना चाहिए था।  तभी तत्कालीन लोकसभा अघ्यक्ष सोमनाथ चटर्जी ने वीणा को सम्मानित किया था। 2004 में सरोजनी नायडू पुरस्कार से वीणा सम्मानित हुई।

वीणा के संघर्ष को पाकिस्तान ने किया सम्मान
वीणा के संघर्ष को पाकिस्तान ने भी सलाम किया है। पाकिस्तान के नेशनल रिकंस्ट्क्सन ब्यूरों के चेयरमैन मि डैनियल ने गुड गवर्नेंस के लिए वीणा को सम्मानित किया। 1-3 जुलाई 2007 को लाहौर में आयोजित स्थानीय शासन व्यवस्था मंे भारत-पाकिस्तान वार्ता में भारत के 50 सदस्यी प्रतिनिधिमंडल में शामिल हुई थी। यही नहीं,  जनप्रतिनिधियों को जागरूक करने के लिए भारत सरकार के निर्देष पर गठित 21 सदस्यी राज्य महिला कोर कमेटी में वीणा को शामिल किया गया था। इस कमेटी में सुधा वर्गीज भी शामिल थीं।

संघर्षपूर्ण दास्तान
वीणा की जीवन संघर्षपूर्ण रही है। वीणा खगड़िया जिले के रानी सकरपुरा की रहनेवाली है। वीणा तीन बहनें हैं। वीणा के पिता पुनितलाल टीबी रोग से ग्रसित थे। लिहाजा, 13 साल की उम्र में वीणा की शादी नवादा जिले के सदर प्रखंड के सिकन्दरा निवासी 45 वर्षीय रामप्यारे प्रसाद के साथ कर दी गई। लेकिन दुर्भाग्य कि 16 वर्ष की आयु में वीणा विधवा हो गयी। तब वीणा को एक संतान था। पति की मौत के बाद वीणा के नवादा नगर स्थित मकान को एक किराएदार ने कब्जा कर लिया था। इस घटना के बाद वीणा के देवर अपराधी से डर गए थे।
लेकिन वीणा ने साहस जुटाई। अधिकारियों और स्थानीय प्रतिनिधियों की मदद से अपने मकान को कब्जे से मुक्त कराने में कामयाब हो गईं। उसके बाद से वीणा की सामाजिक कार्यों में दिलचस्पी बढ़ गई। खुद पर भरोसा जगने के साथ दूसरों का संबल बनने लगी। मामूली पढ़ी लिखी वीणा आज महिलाओं के बीच मिसाल बन गई है। वीणा कहती हैं कि महिला के नाम पर किसी को कमजोर आंकना समाज की सबसे बड़ी भूल है। हर महिलाओं में यह ताकत होती है। इसे आजमाने की जरूरत है।

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