Tuesday 12 January 2016

पैसा आता है, दारू मुरगा चलता है और मतदान हो जाता है

अशोक प्रियदर्शी
 बात 4 अक्तूबर की है। नवादा जिले में प्रत्याशियों के पक्ष में मतदान के लिए एनडीए और महागठबंधन के कई बड़े नेताओं ने हेलीकाॅप्टर से प्रचार किया। पांच- पांच सभाएं की। रजौली विधानसभा सुरक्षित क्षेत्र के रजौली और सिरदला में एनडीए और महागठबंधन की सभाएं हुई। लेकिन हेलीकाॅप्टर की धूल और चुनावी संदेशों से फुलवरिया पार के ग्रामीण पूरी तरह बेखबर रहे। यह पहला अवसर नही है। आजादी के बाद से लोकतंत्र में लोक भागीदारी से ग्रामीण वंचित हैं। ये सभी गांव पहाड़, जंगल और पानी से घिरा है। सरकार, प्रशासन और प्रतिनिधि नक्सल इलाका मानकर छोड़ दिया है। जमुन्दाहा की ममता देवी कहती हैं कि उन्हें नही पता कि कब चुनाव है और किसे वोट करना है।
दरअसल, विधानसभा और लोकसभा चुनावों में भी कोई प्रत्याशी वोट मांगने कोई नही गांव नही पहुंचते हैं। चोरडीहा निवासी 40 वर्षीय रामदेव भूइयां कहते हैं कि उनके गांव में किसी चुनाव में किसी दल के प्रत्याशी वोट मांगने नही आते। परंपरा रही है कि किसी ग्रामीण के जरिए प्रत्याशी रूपए भेज देते हैं। उसी रूपए से लोग दारू और मुर्गा खाते हैं। फिर मतदान हो जाता है। रामदेव कहते हैं कि इसके पहले ग्रामीण देख भी नही पाते थे। पोलिंग एजेंट और पोलिंग आॅफिसर डैम के किनारे या फिर जंगली इलाका में वोटिंग कर देते थे। 2010 से चुनाव की प्रक्रिया बूथों पर शुरू हुई है। लेकिन किसे वोट करना है यह पार्टी की विचारधारा नही प्रत्याशियों के रूपए तय करते हैं।

क्या है समस्या
           तीन दशक पहले फुलवरिया जलाशल का निर्माण हुआ। जलाशय के अंदर वाले गांव विस्थापित होकर रजौली के हरदिया पंचायत मुख्यालय में बस गए। जबकि उपरी छोर के ग्रामीण वहीं रह गए। लेकिन उन ग्रामीणों को रजौली प्रखंड पहुंचने के लिए पठार, जंगल और डैम होकर 20 किलोमीटर दूरी तय करना पड़ता है। दूसरा मार्ग झारखंड के तिलैया होकर है, जिसकी दूरी करीब 60 किलोमीटर है। इसे लोग बिहार का कालापानी कहते हैं।
बता दें कि इस क्षेत्र में चोरडीहा, डेल्वा, नावाडीह, झराही, पिछली, जमुन्दाहा, पिपरा, परतौनिया, मरमो, भानेखाप, सुअरलेटी, कुम्भियाटरी, जोरा सिमर, खिरकिया समेत डेढ़ दर्जन गांव है। इस क्षेत्र में तीन मतदान केन्द्र हैं। इधर, ग्रामीणों ने एक आवेदन रजौली के एसडीओ शंभू शरण पांडेय को दिया है। ग्रामीणों ने कहा है कि रोड का निर्माण नही होने तक वोट का बहिष्कार करेंगे।

कोट/मनोज कुमार, जिलाधिकारी, नवादा
-जिले में 67 बूथों को दुर्गम स्थल के रूप में चिंहित किया गया है। उनका प्रयास है कि उन सभी बूथों पर शांतिपूर्ण, निष्पक्ष और भयमुक्त मतदान किया जा सके। प्रशासन ऐसे बूथों को लेकर गंभीर है .

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