Saturday 16 January 2016

हर 32 घंटे में मनहूस खबर लेकर आ रही खूनी सड़क

 

अशोक प्रियदर्शी
         विगत 11 जनवरी को बिहार के नवादा जिले के रजौली थाना के सिमरकोल मोड़ के समीप बस से मोटरसाइकिल की टक्कर हो गई। इस घटना में काजीचक निवासी मुन्द्रिका यादव के पुत्र नीतीश कुमार की मौत हो गई। जबकि लक्ष्मी विगहा निवासी रामस्वरूप यादव घायल हो गया। वहीं सिमरकोल निवासी साइकिल सवार हैदर मियां भी दुर्घटनाग्रस्त हो गया। 
         बिहार के नवादा जिले में सड़क दुर्घटना की यह पहली घटना नही है। इसे आखिरी घटना भी नही कहा जा सकता है। जिले में मौत का यह सिलसिला सालों से जारी है। इसकी तादाद दिनोंदिन बढ़ती ही जा रही है। अकेले 2015 में करीब 280 लोगों की मौत सड़क दुर्घटनाओं के कारण हुई है। देखें तो, हर चार दिन में तीन लोगों की मौत सड़क दुर्घटनाओं के चलते हो रही है। यानि हर 32 घंटे में एक व्यक्ति की जान जा रही है। 
         2014 के आकड़े को भी 2015 पार कर गया है। 2014 में करीब 260 लोगों की मौत सड़क दुर्घटनाओं के कारण हुई थी। उससे पहले यह आकड़ा 200 के आसपास रहा है। लेकिन दिनोंदिन सड़क दुर्घटनाओं की तादाद बढ़ती ही जा रही है। हर रोज किसी न किसी परिवार के लिए सड़क दुर्घटना मनहूस खबर लेकर आ रही है। घायलों को जोड़ दें तो स्थिति और भी भयावह है।
          ताज्जुब कि इन घटनाओं से भी लोेग सबक नही ले रहे हैं। हर तरफ लापरवाही देखी जा रही है। आमतौर पर इसे प्रकृति की नियति मानकर लोग भुगतने को विवश हैं। वाहन चालकों की लापरवाही भी कम नही हो रही है। बाइक चालक भी ऐसी घटनाओं से सबक नही ले रहे हैं। सड़क सुरक्षा सप्ताह 10 जनवरी-16 जनवरी के दौरान लोगों को जागरूक किया जाना है। लेकिन यह रैली, सेमिनार और बैठकों तक सिमट कर रह गई है। यही वजह है कि घटनाओं की फेहरिस्त कम नही हो रही है। सरकार, प्रशासन और विभाग औपचारिकताएं निभा रही है।

2015 की प्रमुख घटनाएं
      2015 में एनएच- 31 पर नवादा जिले के मुफसिल थाना के केंदुआ गांव के समीप स्कार्पियों गाड़ी के पलट जाने से एक ही परिवार के आठ बारातियों की मौत हो गई। जबकि तीन अन्य बाराती घायल हो गए। इसी तरह, एनएच-82 पर नारदीगंज थाना के महादेवविगहा गांव के समीप सवारी गाड़ी और ट्रक के बीच टक्कर में चार बारातियों की मौत हो गई, जबकि 11 गंभीर रूप से घायल हो गए। काशीचक के खखरी गांव निवासी किसान संजीत कुमार और कृष्णमोहन सिंह की ट्रेक्टर पलट जाने से मौत हो गई। सिरदला में बाराती बस के पलट जाने से चार की मौत हो गई। यही नहीं, बिहार- झारखंड की सीमा पर नौवामाइल के समीप हुए एक सड़क दुर्घटना में पांच कांवरिये की मौत हो गई , जबकि 15 कांवरिये घायल हो गए। 

बिहार में कुख्यात नवादा
नवादा जिले का अधिकांश पथ दुर्घटनाओं के कारण खूनी हो गया है। खासकर एनएच-31 पटना-रांची , एनएच-82 बोधगया-राजगीर और नवादा-देवघर पथ काफी कुख्यात है। सड़क दुर्घटनाओें के कारण नवादा का इलाका बिहार में कुख्यात हो गया है।

ट्रामा सेंटर नही
सड़क दुर्घटनाओं के लिए कुख्यात नवादा में पीड़ितों के इलाज के लिए एक भी ट्रामा सेंटर नही है। रजौली और हिसुआ में ट्रामा सेंटर बनाए जाने की मांग काफी समय से की जाती रही है। लेकिन इस दिशा में कोई पहल नही किया जा सका है।

कोट-
समाजसेवी डाॅ बुद्धसेन कहते हैं कि विभाग बगैर कोई जांच पड़ताल के लोगों को घड़ल्ले से लाइसेंस जारी करती रही है। यह एक बड़ा कारण है। यही नहीं, लोग यातायात नियमों का भी पालन नही करते। लोगों को जागरूक करने के लिए सरकार भी प्रयत्यनशील नही दिखती। सरकार के लिए ऐसी घटनाएं महज हादसा भर है।

      जिलाधिकारी मनोज कुमार कहते हैं कि चालकों को यातायात नियमों का अनुपालन कराने के लिए अभियान चलाया जाएगा। इसके लिए अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं। यातायात नियमों के पालन से यात्रा सुखद और सुरक्षित होगी। आमलोगों को भी पूरी तरह जागरूक रहने की जरूरत है। 

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