Tuesday 12 January 2016

सहयोगी दलों की कुर्बानी से बनेगी बात

अशोक प्रियदर्शी
 बात पांच साल पहले की है। नवादा विधानसभा के चुनाव में राजद और लोजपा गठबंधन से पूर्व श्रममंत्री राजबल्लभ प्रसाद तथा कांग्रेस से निवेदिता सिंह चुनाव मैदान में थीं। दूसरी तरफ भाजपा-जदयू गठबंधन से पूर्णिमा यादव मैदान में थी। पूर्णिमा यादव निर्वाचित हुई थी। मौजूदा चुनाव में समीकरण बदल गए हैं। राजद, जदयू और कांग्रेस महागठबंधन का हिस्सा बन गए हैं। एनडीए में भाजपा, लोजपा और रालोसपा शामिल है।
       देखें तो, पिछले तीन चुनावों से राजबल्लभ प्रसाद और पूर्णिमा यादव आमने सामने रहे हैं। मौजूदा परिस्थिति में राजद, जदयू और कांग्रेस से किसी एक दल से अधिकृत प्रत्याशी होंगे। ऐसे में बाकी के दो सहयोगी दलों के नेताओं को चुनाव से हटना होगा। फिलहाल तीन दलों के नेता टिकट पाने की कोशिश में हैं। सबके अपने अपने दावे और तर्क है। दूसरी तरफ, यह सीट भाजपा का बताया जा रहा है। लेकिन भाजपा से भी दर्जनभर उम्मीदवार हैं।
       महागठबंधन की यह समस्या नवादा तक सीमित नही है। रजौली सुरक्षित विधानसभा की स्थिति भी कमोबेश ऐसी ही हैं। फिलहाल इस सीट पर भाजपा के कन्हैया कुमार निर्वाचित हैं। दूसरी तरफ, महागठबंधन के उम्मीदवार का नाम स्पष्ट नही है। लिहाजा, राजद, जदयू और कांग्रेस उम्मीदवारों की फेहरिस्त लंबी है। पिछली दफा कांग्रेस से बसंती देवी चुनाव लड़ी थी। राजद-लोजपा गठबंधन से प्रकाशवीर थे। फिलहाल, तीनों दल के प्रत्याशी उम्मीदवारी पेश कर रहे हैं। 
       देखें तो, पिछले चुनावों में खड़े प्रत्याशियों के अलावा पिंकी भारती, प्रेमा चैधरी, राकेश कुमार, वनवारी राम, राजाराम पासवान जैसे कई लीडर हैं जो महागठबंधन के उम्मीदवार गिनाए जा रहे हैं। इधर, हिसुआ में बीजेपी से अनिल सिंह निर्वाचित हैं। जबकि महागठबंधन में उम्मीदवारों को लेकर कई नाम गिनाए जा रहे हैं। पिछले चुनाव में लोजपा से अनिल मेहता, जबकि कांग्रेस से नीतु कुमारी चुनाव मैदान में थी। इस बार महागठबंधन से नरेंद्र कुमार, आभा सिन्हा, मसीह उदद्ीन, चिकित्सक डाॅ शत्रुधन प्रसाद सिंह के नाम भी गिनाए जा रहे हैं।
       वारिसलीगंज का मामला दिलचस्प है। वारिसलीगंज में प्रदीप कुमार जदयू से निर्वाचित हैं। राजद और कांग्रेस की दावेदारी नही दिख रही। दूसरी तरफ, एनडीए की ओर से अरूणा देवी का नाम गिनाया जा रहा है। कहा जा रहा है कि दल चाहे कोई भी हो लेकिन उम्मीदवार अरूणा देवी होगी। देखें तो, अरूणा का दल बदलने का रिकाॅर्ड भी रहा है। वह निर्दलीय, कांग्रेस और लोजपा का सफर तय कर चुकी है। हालांकि पिछले चुनाव में अंजनी कुमार लोजपा के उम्मीदवार थे। उनकी दावेदारी भी माना जा रहा है।
        गोविंदपुर से कौशल यादव जदयू से निर्वाचित होते रहे हैं। यहां एनडीए में टिकट को लेकर होड़ मची है। लोजपा, रालोसपा और भाजपा दावे कर रही है। इंद्रदेव कुशवाहा, कामरान, अजीत यादव, रंजीत यादव, केबी यादव, संजय प्रभात जैसे कई उम्मीदवारों के नाम गिनाए जा रहे हैं। देखें तो, पिछले चुनाव में लोजपा से केवी यादव और कांग्रेस से असदुल्ला खान चुनाव मैदान में थे।

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