Tuesday 12 January 2016

ग्रेसी: छोटी उम्र , बड़ा काम

अशोक प्रियदर्शी
बात नौ साल पहले की है। नवादा न्यू एरिया निवासी इंजीनियर संगीत कुमार दंपति ने पौने तीन साल की ग्रेसी का दाखिला निजी प्ले स्कूल में कराया था। तीन माह बाद सांस्कृतिक कार्यक्रम हुआ। इसमें ग्रेसी ने बेहतर नृत्य का प्रदर्शन की थी। तब से लगातार बढ़िया प्रदर्शन करती रही। कत्थक नृत्य का पुरस्कार ग्रेसी लेती रही। तीन साल बाद नगर भवन में स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित हुआ था। इस कार्यक्रम में ग्रेसी ने अपनी प्रतिभा का परचम लहराई। फिर मुड़कर नही देखी है। वह लगातार जिले के स्वतंत्रता दिवस और स्थापना दिवस के कार्यक्रम की मुख्य कलाकार रही। बेहतर प्रदर्शन के लिए सम्मानित की जाती रही।
      यही नहीं, वह नालंदा, गया, पटना और छपरा के राज्यस्तरीय कार्यक्रम में भी आमंत्रित की जाने लगी। इन कार्यक्रमों के दौरान ख्याति प्राप्त कलाकारों तीजन बाई, शोभना नारायण, मालिनी अवस्थी, प्रीतम चक्रवर्ती, तृप्ति शाकिया, अलका यागनिक, देवी जैसे कई कलाकारों के साथ ग्रेसी को मंच साझा करने का अवसर मिला। प्रतिष्ठित कलाकारों ने भी ग्रेसी की प्रतिभा के कायल हो गए। ग्रेसी को दर्जनों राज्यस्तरीय सम्मान मिल चुका है। फिलहाल, ग्रेसी को बिहार के कला संस्कृति और युवा विभाग द्वारा आयोजित शुक्रगुलजार कार्यक्रम में प्रदर्शन का अवसर मिला है। 18 सितंबर को पटना के नृत्य कला मंदिर में वह प्रदर्शन करेगी। ऐसा माना जाता है कि ग्रेसी जैसे बहुत कम बच्चे हैं जिन्हें इतनी कम उम्र में कत्थक नृत्य के लिए इतना बड़ा अवसर मिल रहा है।

 प्रेरणा स्त्रोत- मम्मी अनिता कुमारी का संगीत से गहरा लगाव है। दादाजी कामेश्वरी प्रसाद को संगीत से अभिरूचि रही है। यह ग्रेसी के लिए नृत्य संगीत के लिए अनुकूल माहौल तैयार किया। यही नहीं, पिता संगीत प्रसाद इंजीनियर हैं। लेकिन वह ग्रेसी को अंतरराष्ट्रीय स्तर का नृत्यांगणा के रूप में देखना चाहते हैं। अनिता कहती हैं कि बेटी की सफलता में उनकी सफलता दिखती है।

ग्रेसी की योग्यता- बारह वर्षीय ग्रेसी आठवीं की स्टूडेंट है। वह कत्थक डांस में तृतीय वर्ष पास-प्रथम श्रेणी (प्रयाग संगीत समिति इलाहाबाद) तथा वोकल क्लासिकल में तृतीय वर्ष पास- प्रथम श्रेणी। (प्राचीन कला केन्द्र, चंडीगढ़,)

ग्रेसी का प्रदर्शन
- बिहार सरकार के पर्यटन विभाग द्वारा बोधगया में 23-24 जनवरी 2015 को आयोजित बौद्ध महोत्सव में अंतरराष्ट्रीय कलाकारों के बीच सम्मानित हुई। इसके अलावा पर्यटन विभाग द्वारा आयोजित राजगीर महोत्सव-2009, 2010, 2011, 2012, 2013 और 2014 में मुख्य कलाकार के रूप में सम्मानित हुई। सोनपुर महोत्सव 2013, कुण्डलपुर महोत्सव 2011 और 2013 में सम्मानित हुई। यही नहीं, कृषि विभाग के बिहार वाटरशेड डेवलपमेंट सोसायटी, पटना में मार्च 2013 में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य कलाकार के रूप में सम्मानित। किलकारी, बिहार बाल भवन पटना द्वारा बिहार बालश्री सम्मान 2013 सम्मान।

जिला स्तरीय सम्मान-
- 2009 में पहली दफा बाल कलाकार के रूप में शामिल हुई थी। ककोलत महोत्सव 2010 में सम्मान। जिला स्थापना दिवस 2010, 2011, 2012, 2013 और 2014 में बतौर मुख्य कलाकार सम्मानित हुईं। गया में आयोजित पितृपक्ष मेला 2014 में सम्मानित र्हुइं। 

स्कूली प्रदर्शन और सम्मान
-2006 में ग्रेसी जब तीन साल की थी तब पहली दफा नवादा के विकास किंडर गारटेन में प्रदर्शन की और सम्मानित हुई थी। फिर 2007, 2008, 2009, 2010, 2011, 2012 तक सम्मानित होती रही। माॅर्डन इंगलिष इंगलिश मंे 2013 और 2014 में सम्मानित होती रही है।

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