Thursday 21 January 2016

सास जब बहू बनकर सोचती हैं, तब बेटी के रूप में दिखती है बहू



डाॅ.अशोक कुमार प्रियदर्शी
बात एक हफ्ते पहले की है। बहू खाना बना रही थी। सास को स्नान करना था। पानी गरम करने में देर हो गई। सास ने किचन से गुथा हुआ आटा उठाकर पड़ोसी के घर में फेंक दिया। उधर पड़ोसी चिल्लाते हुए निकलती है। प्रतिक्रिया में बहु हाथ जोड़ती हुई निकलती है। पड़ोसी महिला से सासू मां की गलती के लिए बहू माफी मांगती है। शेखपुरा जिले के बरवीघा प्रखंड के तेउस निवासी बीपी सिंह की पुत्रवधू सोनी के लिए किसी एक दिन की घटना नही है। उनकी सास अक्सर कोई न कोई ऐसा हरकत कर दिया करती हैं। लेकिन सासू की गलतियों को उनकी बहु नजरअंदाज कर दिया करती है। उनकी सास विमला कभी शौचालय का नल खुला छोड़ देती हैं। कभी गैस खुला छोड़ देती हैं। कभी पानी की जगह दूध फेंक देती है। 
           दरअसल, विमला की मानसिक हालात अक्सर असंतुलित हो जाया करता है। वह लंबे समय से अस्वस्थ्य हैं। इलाजरत हैं। लेकिन सास की गलतियों को कभी गंभीरता से नही लेती। सोनी सास की हर जरूरतों का ख्याल रखती हैं। लिहाजा, इस अवस्था में भी सास बहू  की जिदंगी खुशहाल तरीके से कट रहा है। बता दें कि सोनी लव मैरेज शादी की थी। लेकिन उनका संस्कार अरेंज मैरेज से कम नही। दुखद कि दो साल पहले सोनी के पति की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई है। लेकिन प्रतिकूल परिस्थिति में भी सोनी अपना कर्तव्य नही भूली है। सोनी कहती है कि उनकी मां अस्वस्थ्य रहती तो क्या उन्हें छोड़ देती। उन्हें भी बेटे और बेटी है। ऐसे में मैं सास के साथ अच्छा बर्ताव नही रखूंगी तो अगली पीढ़ी क्या सिखेगी।


बिजनौर में बहू के हाथों पिटते हुए सास का वीडियो लोगों को झकझोर दिया था। खासकर बहुओं को काफी लज्जित कर दिया था। लेकिन बिहार के सोनी की कहानी उतरप्रदेश के बिजनौर में घटित घटना के प्रतिकूल है। बिजनौर की घटना से इतर भी सास बहू की तस्वीर है। इसे नकारा नही जा सकता। नवादा नगर के नवीननगर निवासी सास धुरोपति देवी और बहू बबीता देवी के मधुर संबंध अनुकरणीय है। बबीता सास को खाना खिलाने के बाद खाना खाती है। वह इसलिए नही कि यह परंपरा है। धुरोपति देवी कहती हैं कि पति की मौत के बाद वह अपनी सेहत का ख्याल रखना छोड़ दी थीं। उनकी तबियत खराब हो गई थी। लेकिन तब से बहू उनका ख्याल रख रही हैं। बहू उन्हें खाना खिलाकर या फिर साथ खाती हैं। यह सिलसिला सालों से चल रहा है। 
           बहू का प्यार एकतरफा नही है। सास भी बहू का काफी ख्याल रखती हंै। बहू को जब बाजार निकलना होता है तब उनके पर्स में पैसे का ख्याल सास रखती हैं। बबीता मानती हैं कि ऐसी सास किस्मतवालों को मिलती है। बता दें कि धुरोपति देवी स्व नागेन्द्र विधार्थी की पत्नी हैं। धुरोपति देवी के तीन बेटे हैं। उन्हें तीन बेटे हैं। बेटी नही है। लेकिन धुरोपति पुत्रवधूओं को बेटियां मानती हैं। उनकी दो पुत्रवधूएं बाहर रहती हैं। बबीता उनके साथ रहती हैं। बबीता के पति मुकेश विधार्थी सामाजिक कार्यकर्ता हैं।
        
एक टाॅफी के होते हैं तीन टुकड़े-
नवादा जिले के पकरीबरावां प्रखंड के कवला गांव निवासी कपिलदेव प्रसाद के दो पुत्र हैं। बड़े पुत्र नवनीत टीचर हैं। जबकि छोटा पुत्र अंटज बिजनेसमैन। पूरा परिवार एक छत के नीचे नवादा में रहते हैं। जहां सास-बहुएं के बीच की कहानी मिसाल है। जयरानी देवी कहती हैं कि उनके किसी बहू को कोई एक टाॅफी देता है तो बहुएं का प्रयास होती है कि उस टाॅफी का एक एक टुकड़ा सभी के मुंह में चला जाय। श्वेता कहती हैं कि उनकी सास उन्हें मां से भी ज्यादा प्यार करती हैं। हर खुशी का ख्याल रखती हैं। उन्हें भी लगता है कि सास को कष्ट नही पहुंचे। तीज में बहुएं को साड़ी का गिफ्ट देते हैं तो जितिया में वेलोग गिफ्त करती हैं।

बहु के बिना नही देखती सिरियल्स 
ये बहू कहां हो! काला टीका सिरियल शुरू हो गया है। आ रही हूं मां। उसके बाद सास और बहू साथ बैठकर सिरियल देखती हैं। राजेन्द्र नगर की गिरिजा देवी और उनकी बहू रेणु देवी की यह रोज की कहानी है। दोनों के बीच उम्र का फासला है। लेकिन काफी सामंजस्य है। सिरियल की कहानी जब टीवी पर नही समझ पाती तो उसे बहू समझाती हैं। खास कि गिरजा और रेणु के बीच यह मधुर रिश्ता टीवी सिरियल्स तक सीमित नही है। गृहस्थ जीवन में भी मिसाल दिया जाता है। शायद ही कोई दिन ऐसा हो जब सास को बहू तेल नही लगाती। यही नहीं, बहू जब बीमार पड़ती है तब सास भी नही चुकती है। 
           बता दें कि गिरिजा के पति  किशोरी प्रसाद बीसीइओ पद से रिटायर हैं। 80 साल के हैं। उनके एक पुत्र चंद्रशेखर प्रसाद यूपी के गुरसहायगंज एसबीआई ब्रांच के मैनेजर हैं, जबकि दूसरे शशिभूषण प्रसाद निजी कंपनी में कार्यरत हैं। गिरिजा कहती हैं कि मैं भी कभी बहु थी। इसलिए बहु को उसी नजर से देखती हूं। उनकी बहु भी उन्हें मां से ज्यादा सम्मान करती हैं। रेणु मानती हैं कि धर में दो सदस्य का परिवार है। इसमें तालमेल नही रखूंगी तो एक पल बिताना भी मुश्किल हो जाएगा।

क्या कहती हैं डॉ मीता-
          पटना इगनू की सहायक क्षेेत्रीय निदेशक डाॅ मीता कहती हैं कि सास बहू के बीच कड़वाहट की वजह जेनरेशन गैप है। दरअसल, विवाद की वजह ट्रेडिशनल और प्रैक्टिल विचारधारा होता है। सास ट्रेडिशनल जबकि बहुएं प्रैक्टिकल। लिहाजा, वैचारिक गतिरोध उत्पन्न होता है। लेकिन जो लोग इन चीजों को एडजस्ट कर लेते हैं उनके घरों में यह परेशानी नही होती। हालांकि किसी एक के बदलाव से यह संभव नही है। दोनों पक्ष को थोड़ा थोड़ा बदलने की जरूरत है। जिन घरों में यह बदलाव आ जाता है उन घरों में सास बहू के रिश्ते मिसाल बन जाते हैं।


No comments:

Post a Comment