Monday 22 February 2016

बुआ मना करती रही लेकिन अंकिता ज्वाइन कर ली फौज की नौकरी

डॉ अशोक प्रियदर्शी
            बात छह साल पहले की है। अंकिता बीटेक की पढ़ाई पूरी कर ली थी। वह एमएस की पढ़ाई के लिए यूके जानेवाली थी। वाले यूनिवर्सिटी में दाखिला भी हो चुका था। रहने के लिए कमरा भी आवंटित हो गया था। तभी अंकिता को आर्मी में लेफ्टिनेंट पद की जाॅब मिल गई। अंकिता की सफलता से मम्मी पापा काफी खुश थे। लेकिन बुआ बेहद नाराज थीं। बुआ नही चाहती थी कि अंकिता फौज की नौकरी करें। बुआ का कहना था कि फौज की नौकरी के चलते उनके कर्नल भाई पर्व त्योहार में भी परिवार के साथ समय नही दे पाते थे। उनका मानना था कि भतीजी भी जब फौज में जाएगी तब घर परिवार कैसे चला पाएगी। वह चाहती थीं कि अंकिता इंजीनियरिंग की नौकरी करे ताकि उसे बाद में कोई परेशानी नही हो।

 लेकिन अंकिता फौज की नौकरी से प्रभावित थी। इसलिए वह डिग्री पूरा करने के बाद फौज में नौकरी के लिए आवेदन की थी। सुखद संयोग कि पहले ही प्रयास में अंकिता को लेफ्टिनेंट का जाॅब मिल गया। दरअसल, अंकिता के पिता अजय कुमार कर्नल रहे हैं। वह पिता की नौकरी से काफी प्रेरित थी। लिहाजा, उसे भी फौज की नौकरी से लगाव था। दरअसल, 1990 में कर्नल अजय कुमार जब श्रीलंका से लौटे थे तब 14 टैंक खराब हो गया था। रूस में अनिश्चितता की स्थिति थी। टैंक का कलपूर्ज का आयात नही हो पा रहा था। तब अजय अपनी टीम के साथ मेहनत कर खराब टैंक को दुरूस्त करने में कामयाबी मिल गई थी। तब 65 कवचित रेजिमेंट की काफी ख्याति हुई थी। अंकिता को पिता कर्नल अजय की ख्याति की चर्चा अक्सर सुनने को मिलती थी। अंकिता कहती हैं कि पिता की यह ख्याति उसे फौज की ओर काफी आकर्षित किया।
           यही नही, बिहार के नवादा जिले की अंकिता फौज में गहरी छाप छोड़ी है। अंकिता इलेक्ट्रोनिक वारफेयर डिविजन में दमदार उपस्थिति दर्ज कराई है। वह पूणा के बाद भटिंडा में इलेक्ट्रोनिक वारफेयर का प्रतिनिधित्व कर रही है। बताया जाता है कि अंकिता आधे दर्जन प्रोग्राम तैयार की है, जिसका आर्मी में इस्तेमाल किया जा रहा है। अब अंकिता की सफलता से बुआ का नजरिया भी बदल गया है। बुआ अपनी भतीजी पर फ्रक महसूस करती हैं।





शिक्षा दीक्षा
बिहार के नवादा जिले के काशीचक प्रखंड के चंडीनावां गांव की अंकिता शर्मा की शिक्षा दीक्षा आर्मी स्कूल में हुआ। तीसरी कक्षा तक की झांसी स्थित बबीना आर्मी पब्लिक स्कूल से की। आठवीं की पढ़ाई पठानकोट आर्मी पब्लिक स्कूल से की। आठवीं में पंजाब की टाॅपर रही थी। तब तत्कालीन मंत्री मोहनलाल ने सम्मानित किया था। दसवीं की पढ़ाई सेंट्रल स्कूल ग्वालियर और 12 वीं अम्बाला से पूरी की। दोनों परीक्षाएं में टाॅपर रही। फिर गुरू जमधेश्वर यूनिवर्सिटी हिसार से बीटेक की पढ़ाई की। इसमें भी टाॅप रही। वह अंतर यूनिवर्सिटी का प्रतिनिधित्व की। इसके पहले इंटर स्कूल बैडमिंटन चैम्पियनशिप बम्बई में रनर रही थी।

पारिवारिक पृष्ठभूमि 
            अंकिता के पिता अजय कुमार पांच साल पहले आर्मी में कर्नल के पद से रिटायर हुए हैं। अंकिता की छोटी बहन अपूर्वा शर्मा पूणे में इंफोसिस में आइटी कंसलटेंट हैं। जबकि भाई अंकुर चंडीगढ़ में इंफोसिस में सिस्टम इंजीनियर है। अंकिता की मां मीना शर्मा गृहणी हैं। रिटायरमंेट के बाद अंकिता के माता पिता फरीदाबाद में रहते हैं।

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