Monday 3 November 2014

अपहृत उमा 20 साल बाद मोहनदास के रूप में जिंदा मिला

अपहृत उमा ने उम्रकैद से बचने के लिए अपहरण का किया था नाटक, उमा 30 साल पहले की हत्या के एकमामले में सजायाप्ता था, उसके झूठे अपहरण के आरोप में पांच लोगों को  उम्रकैद की सजा सुनाई गई.… 


उमा उर्फ़ मोहनदास 
डॉ अशोक कुमार प्रियदर्शी
नवादा में कानून से आंखमिचौनी का एक रोचक मामला सामने आया है। 20 साल पहले अकबरपुर थाना में सकरपुरा निवासी उमा सिंह के अपहरण की प्राथमिकी दर्ज हुई थी। उमा का श्राद्ध भी हो गया था। पत्नी विधवा की जीवन जी रही थी। उमा के अपहरण मामले में निचली अदालत ने ग्रामीण नरेश सिंह, फुलो सिंह, छोटन सिंह, इन्द्रदेव सिंह और ललन सिंह को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। करीब दो साल बाद अपहरण के आरोपियों को पटना हाइकोर्ट से जमानत मिली थी। फिलहाल, मामला हाइकोर्ट में विचाराधीन है।
ताज्जुब कि जिस उमा के अपहरण के आरोप में पांच लोगों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी, वह उमा पंजाब के मोहाली जिला के हंडसार थाना के खेलनभीड़ स्थित नरसिंह मंदिर के पूजारी मोहनदास के रूप में जिंदा मिला है। पंजाब पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर सोमवार को नवादा कोर्ट में प्रस्तुत किया है। हालांकि गिरफ्तार उमा खुद को मोहनदास बताता है। वह पंजाब में बनवाए पहचान पत्र और आधार कार्ड का हवाला देता है। 
पंजाब पुलिस की कस्टडी में उमा उर्फ़ मोहनदास 
           देखें तो, उमा के रहस्यों पर से परदा उसके करतूतों के कारण उठा है। मंदिर की जमीन विवाद के कारण कथित मोहनदास के विरोधियों ने सकरपुरा आकर छानबीन किया। ग्रामीणों से पता चला कि मोहनदास का असली नाम उमा है, जिसके अपहरण के मामले में पांच ग्रामीण को सजा भी मिल चुकी है। इसपर उमा के कथित अपहरण के आरोपियों ने कोर्ट से गुहार लगाई। कोर्ट के आदेश पर पंजाब पुलिस उसे गिरफ्तार किया है।  
          दरअसल, तीस साल पहले 1983 में महनार के जयंत सिंह की हत्या कर दी गई थी। इस मामले में उमा के अलावा ग्रामीण शैलेन्द्र सिंह, उपेन्द्र सिंह, छोटन सिंह और कपिलदेव सिंह को निचली अदालत से उम्रकैद की सजा मिली थी, जिसे पटना हाइकोर्ट ने भी बरकरार रखा था। बताया जाता है कि उम्रकैद की सजा से बचने के लिए 1995 में उमा सिंह फरार हो गया। उसके पुत्र विनय सिंह ने अपहरण की प्राथमिकी दर्ज करा दी जिसमें पांच विरोधियों को आरोपी बना दिया था। अब उमा की जिंदा वापसी से अपहरण के आरोपियों को राहत मिली है। उमा को नवादा जेल भेज दिया गया है।
जीवित उमा उर्फ़ मोहनदास के  अपहरण कर हत्या मामले  में उम्रकैद के सज़ायाप्ता

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