Monday 10 November 2014

मतलब के लिए निशाना बनायी जा रही महिलाएं


देशवासी चांद और मंगल पर जाने की बात कर रहे हैं, लेकिन दूसरी तरफ अंधविश्वास के नाम पर महिलाआंें पर अत्याचार किए जा रहे हैं


डाॅ अशोक कुमार प्रियदर्शी
               बात 17 सितंबर की है। शेखपुरा जिले के बरवीघा के नसीबचक मुहल्ला निवासी सतीश कुमार के घर उनके एक रिश्तेदार अपनी दस वर्षीया बेटी के साथ आई थी। उसी रात लड़की के पेट में दर्द होने लगी। अगले सुबह सतीश पड़ोसी अवधेश प्रसाद के घर पहुंच गए और उनकी 70 वर्षीया पत्नी सबुजी देवी को झाड़ फूंक करने का दबाव देने लगे। महिला पर सतीश आरोप लगा रहे थे कि तुम डायन हो और तुम्हारें डायन विद्या से रिश्तेदार की लड़की की तबियत बिगड़ी। लेकिन सबुजी प्रतिकार कर रही थी। वह कह रही थी कि उसे कोई जादू टोना नही आता।
इसपर सतीश और उनके समर्थकों ने उस बुजुर्ग महिला की पिटाई करने लगे। बचाव में आए महिला के परिजनों को भी पिटाई की गई। लिहाजा, महिला सपरिवार बरवीघा थाने गए। लेकिन थानेवालों ने यह कहते हुए शिकायत नही दर्ज किया कि यह मिशन टीओपी क्षेत्र का मामला है। तब वह मिशन थाना पहुंची। लेकिन वहां उपस्थित ग्रामीण एकबार फिर मारपीट करने लगे। पुलिस के बीच बचाव से महिला की जान बची। सतीश समेत सैकड़ों लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। लेकिन किसी की गिरफतारी नही हो सकी है।
          सबुजी की यह मुश्किल नया नही है। 5 साल पहले सबुजी नालंदा जिले के सारे के हरगांवा में रहती थी। वहां भी गांववालों ने डायन के आरोप में उन्हें जिंदा जलाने की कोशिश की थी। उसके बाद से वह नसीबचक में आ बसी थी। सबुजी कहती है- उन्हें कमजोर होने के कारण लोग सताते हैं। सबुजी की घटना बिहार में अकेला नही है। ऐसी घटनाओं की फेहरिस्त लंबी है। सबुजी की घटना के एक हफते बाद औरंगाबाद के सलइया थाना के भुइयां विगहा निवासी जनार्दन यादव की पत्नी देवंती देवी की डायन के आरोप में पीट पीटकर हत्या कर दी गई। घटना के चार दिन पहले महेश यादव की बेटी को बिछू ने डंक मार दिया था। तब से वह बीमार चल रही थी। लेकिन ग्रामीण महेश यादव इसके लिए देवंती को जिम्मेवार मान रहे थे। लिहाजा, वह खेत में काम कर रही थी, तभी उसकी पीट पीटकर हत्या कर दी गई।
इसके पहले रिसियप थाना के भरौंदा में 70 वर्षीय बिन्देश्वर साव को पीट पीटकर हत्या कर दी गई। आरोप था कि चंदुली चैहान के पुत्र धर्मेन्द को बिदेंश्वर की पत्नी गिरिजा ने जादू टोना कर गायब कर दी है। चंदुली के परिवार गिरिजा को निर्वस्त्र कर बाल काटने की कोशिश कर रहे थे। इसका बचाव करने आए चंदेश्वर की हत्या कर दी गई। जबकि लापता पुत्र घर के बगल में बेहोशी की हालत में था। बिहार मानवाधिकार आयोग (बीएचआरसी) से प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक, 2012 में देश भर में 119 लोगों की हत्या की गई थी, जिसमें 32 उड़ीसा जबकि 13 बिहार की थी।
                     
देखें तो, बिहार देश का पहला राज्य है जहां ऐसी घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए 1999 में प्रीवेंसन आॅफ विच प्रैक्टिसेस एक्ट बनाया गया। लेकिन ऐसी घटनाओं का सिलसिला नही थमा है। डायन के आरोप में मोतिहारी के जितौरा की 40 वर्षीया सरस्वती देवी को मैला पिलाया गया, जिससे उसकी मौत हो गई। लखीसराय में डायन के आरोप में महिला को गांव में घुमाया गया। अंधविश्वास की हद कि कटिहार के फलका थाना के छोटी कनवाड़ टोला के झरपू हंसदा की भैस अज्ञात बिमारी से मौत हो गई। पंचायत ने एक महिला के खिलाफ 60 हजार रूपए का जुर्माना किया। तब से महिला परिवार के साथ गांव से फरार है।
            देखें कि नवरात्र में नारी शक्ति की अराधना का समय माना जाता है, लेकिन महिलाओं पर ऐसे हमले भी ज्यादातर इसी अवसर पर हो रहे हैं। बेगूसराय के पहाड़पुर गांव और सहरसा के बदिया गांव में महिलाओं को प्रताड़ित किया गया। चिंतनीय पहलू यह कि चांद और मंगल ग्रह पर फतह का जश्न मना रहे हैं। दूसरी तरफ अंधविश्वास के कारण ऐसी घटनाएं घट रही है। इग्नू पटना के अस्टिेंट डायरेक्टर डाॅ मीता कहती हैं कि अशिक्षा के कारण ऐसी घटनाएं घट रही है। इससे निपटने के लिए जितना जरूरी कानून की है उससे ज्यादा जरूरी सामाजिक जागरूकता की है। खासकर महिलाओं को आगे आने की जरूरत है  क्योंकि इसके भुक्तभोगी महिलाएं ही हैं। 23 सितंबर को पूर्णिया के रूहिया पंचायत में सारो देवी की पिटाई की गई। जोतलखाय निवासी लकड़ यादव की पत्नी सविता लंबे समय से बीमार थी। उसे अस्पताल से लौटने के अगले दिन मौत हो गई। इसका आरोप किसनदेव यादव की पत्नी सारो देवी पर लगाया गया। पंचायत ने 25 हजार रूपए का जुर्माना किया था। इसका प्रतिकार करने पर उसकी बूरी तरह पिटाई की गई।
                      बदला लेने का भी जरिया बना हुआ है। 26 सितंबर को नवादा जिले के राजापुर इंदौल निवासी सदन रजक की 35 वर्षीय पत्नी संजू देवी को डायन के आरोप में मुखिया के परिजनों ने निर्वस्त्र कर उसके कपड़े को जला दिया। उसके बाल भी काट दिए गए। आरोप लगाया गया कि महिला ने मुखिया के घर के समीप चावल छींटकर जादूटोना की थी। दो दिन पहले श्रवण की मौत के लिए भी उस महिला को ही जिम्मेवार ठहराया गया। संजू कहती है कि चार माह पहले मुखिया बीमा देवी के पुत्र उदय यादव के खिलाफ मुकदमा की थी। उस मुकदमा में समझौता के लिए मुखिया पुत्र ने अपने घर पर बुलाया था, जहां पहुंचने पर उसके साथ ऐसा सलूक किया गया।
पुलिस और राज्य महिला आयोग भी सक्रिय नही दिखती है। इसके चलते ऐसे लोगों को अपमानित जिंदगी जीना पड़ रहा है। संजू कहती है कि इस लांछन के बाद से पति और बच्चों का जीवन भी नारकीय हो गया है। हालांकि महिला आयोग की सदस्य रेणु सिन्हा कहती हैं कि ऐसे मामले में संज्ञान लिए जाते रहे हैं और पीड़ित महिलाएं को न्याय दिलाया गया है।
दूसरी तरफ, पुलिस का मानना है कि दूसरी राज्यों की तुलना में बिहार में ऐसी घटनाओं की संख्या कम है। फिर भी पुलिस ऐसे मामलों को गंभीर है। बिहार के पुलिस महानिरीक्षक (कमजोर वर्ग) अरविन्द पांडेय कहते हैं कि पदाधिकारियों को ट्रेंड किए गए हैं। ऐसी घटनाओं पर अंकुश के लिए एनजीओ से सहयोग लिए जाते हैं। सजा का प्रावधान कम है। लेकिन त्वरित कार्रवाई कर सजा दिलाए जाने की कोषिष की जाती है।
  अगस्त में बीएचआरसी ने डीजीपी और समाज कल्याण विभाग के प्रधान सचिव से जवाब तलब किया है। आयोग के सदस्य नीलमणि ने कहा है कि यह जांच किया जाय कि महिलाएं या तो संपति या फिर यौन शोषण और ग्रामीण राजनीति जैसे कारणों से प्रताड़ित हो रही है। पिछले दस सालों में किस जिले में ऐसी घटनाएं घटित हुई है। केस रजिस्टर्ड, चार्जशीट और ट्रायल की स्थिति क्या है। आयोग ने कल्याण विभाग से कहा है कि ऐसी महिलाओं के पुनर्वास और आर्थिक मदद के लिए क्या प्रावधान है।  बहरहाल, 21वीं सदी में महिलाएं अंधविश्वास की भेट चढ़ रही है।


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