Friday 24 October 2014

‘लक्ष्मी’ की कृपा से सकुशल लौटे दो अपहृत

डॉ अशोक कुमार प्रियदर्शी 
      लक्ष्मी पूजा की रात बिहार के नवादा से अपहृत आभूषण व्यवसायी और मीड डे मील प्रभारी सकुशल घर लौट आए हैं लेकिन सवाल है की कि किस  ‘लक्ष्मी’  की कृपा से  दोनो अपहृत मुक्त हुए हैं.

धनंजय वर्मा पत्नी और बच्चे के साथ 
           दीपावली के दिन ‘लक्ष्मी’ की कृपा बिहार के नवादा के अपहृत आभूषण व्यवसायी धनंजय वर्मा और मीड डे मील प्रभारी अमरजीत कुमार के घरों में दिखी, जब दोनों शुक्रवार की अहले सुबह अपहर्ताओं के चंगूल से मुक्त होकर घर वापस आ गए। धनंजय और अमरजीत की सकुशल वापसी ने असीम खुशियां  भर दी है।
          34 वर्षीय धनंजय की पत्नी सविता और दो मासूम बच्चे ज्योति और आर्यन का बुरा हाल था। दूसरी तरफ, 35 वर्षीय अमरजीत की मां की उम्मीद ही छिन गई थी। पति की मौत के बाद बेटे ही देखभाल करनेवाला था। अमरजीत की पत्नी नमिता और उसके दोनो बच्चे किटू और लक्ष्मी बेहाल थी/ 
अमरजीत अपनी  माँ  और परिजन के साथ 
बता दें कि 15 अक्तूबर की शाम एक ही मोटरसाइकिल से धनंजय और अमरजीत अपने गांव भदोखरा जा रहे थे। लेकिन अपहृताओं ने गांव पहुंचने के पहले ही दोनों को अगवा कर लिया था। पुलिस के पुराने कार्यप्रणाली से लोग सशंकित थे। क्योंकि छह माह पहले महिला आयोग के सदस्य रेणू सिन्हा के अपहृत पुत्र विपिन की रिहाई में पुलिस विफल रही थी। दस दिनों बाद उसकी लाश  बरामद की  गई थी। बताया जा रहा है कि अपहृताओं ने दीपावली की रात धनंजय परिवार से चालीस लाख और अमरजीत परिवार से दस लाख रूपए फिरौती लेने के बाद मुक्त किया है।
      हालांकि पुलिस अधीक्षक परवेज अख्तर ने दावा किया कि पुलिस दबिश के कारण अपहृतों को मुक्त किया  जा सका  है। उन्होंने बताया कि साइंसटिफिक टेक्नॉलाजी के जरिए अपहृताओं पर नजर रखी जा रही थी।  अपहरण में शामिल दर्जन भर अपहृताओं के सुराग मिल चुके थे । पुलिस अब अपहृताओं के गिरेवान के करीब थी। अपहरण के उपयोग में की लाई गई सुमो गाड़ी को जब्त कर लिया था।

धंनजय , अमरजीत नवादा के एसपी परवेज अख़्तर के साथ 
पहले भी निशाने पर था स्वर्ण व्यवसायी
 धनंजय पर तीन साल पहले 30 सितंबर 2011 को भी हमला हुआ था। रामनगर मंे अपराधियों ने हमला किया था। इस घटना में धनंजय के बड़े भाई संजय वर्मा की मौत हो गई थी। जबकि धनंजय घायल हो गया था। इस घटना में एक आरोपी पकड़ा गया था, जबकि दूसरा आरोपी फरार हैं। यह मामला अभी कोर्ट में विचाराधीन है।  मामले में सुलह करने  और फिरौती के लिए धनंजय की अपहरण की गई थी। पुलिस इस पहलू पर भी अनुसंधान कर रही है।
             बताया जाता है कि धनंजय के मोटरसाइकिल पर साथ रहने के कारण अमरजीत का अपहरण हुआ था।  दोनों को गया के इलाके में रखा गया था। पुलिस को भी ऐसे ही संकेत मिलते रहे हैं। अमरजीत का टेबलेट पुलिस के लिए काफी कारगर रहा, जो उसके बैग में रखा था।

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