Tuesday 11 October 2016

‘बच्चा’ जब किसी की गोद में खेलेगा नहीं तो बढेगा कैसे

 अशोक प्रियदर्शी
 हम सब जानते हैं कि किसी बच्चा का परवरिश तभी ठीक से होता है जब उसकी देखभाल ठीक से की जाती है। जरूरी नही कि बच्चा सिर्फ मां की गोद में ही खेले। बच्चा को जिस किसी का गोद प्यारा लगता है उस गोद में खेलने लगता है। इसमें चैकने और चैकानेवाली क्या है!
दरअसल हम उस बच्चा की बात कर रहे हैं जो बिहार में चर्चा का विषय बना हुआ है। वह पिछले 11 जून को पुलिस के हत्थे चढ़ा है। बिहार में टाॅपर घोटाले का मास्टर माइंड वैशाली के कीरतपुर स्थित वीआर काॅलेज के प्रिसिंपल अमित राय उर्फ बच्चा राय ने पुलिस के समक्ष कई जानकारियां दी है।
         बच्चा ने पुलिस को बताया कि उसे एक केन्द्रीय मंत्री से मधुर संबंध रहे हैं। वह उनके काॅलेज आते जाते रहे हैं। उन्होंने कहा कि एक केन्द्रीय मंत्री की मदद से मेडिकल काॅलेज खोलने की योजना थी। बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने केन्द्रीय लघु सूक्ष्म और उधोग राज्य मंत्री गिरिराज सिंह के साथ बच्चा राय की तस्वीर को ट्वीट करते हुए बीजेपी नेताओं से जवाब मांगा। आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद ने भी जवाब मांगा।

          जवाब में गिरिराज सिंह ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ बच्चा राय की तस्वीर को ट्वीट कर जवाब मांगा है। यही नहीं, आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद के साथ बच्चा राय की भी तस्वीर पोस्ट की गई है। गिरिराज सिंह ने अब तेजस्वी से जवाब मांगा है।
         जाहिर तौर पर ऐसे तस्वीरों से आम आदमी गुमराह होती रही है। शायद सियासी नेताओं का मकसद भी यही है। लेकिन समझनेवाली बात यह है कि बिहार की शिक्षा व्यवस्था में बच्चा राय अकेला नही है। नाम बदले हुए हो सकते हैं, लेकिन सैकड़ों बच्चा राय’ है। यह भी सही है कि ये बच्चा अकेले दम पर इतनी गड़बड़ी कर भी नही सकता।
         दरअसल, ऐसे बच्चा और सियासी नेताओं के बीच गहरे ताल्लुक रहे हैं। यही नहीं, इसमें प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष भागीदार भी रहे हैं। यह बच्चा राय की करतुत उसी कड़ी का हिस्सा रहा है। देखें तो, बच्चा राय जब गिरफ्तार हुआ था तब एक फोन पर उसे निकलने का अवसर दे दिया गया। उसके बाद 11 जून को पुलिस कस्टडी में आया तब कैमरे बंद होते ही वह पुलिस से एक ही सवाल करता था-अबतक किसी का फोन नही आया!

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