ग्वालियर में आयोजित युवा इतिहासकारों के राष्ट्रीय सम्मेलन में पत्रकार और एसकेएम काॅलेज नवादा के हिस्ट्री के लेक्चरर डाॅ अशोक कुमार प्रियदर्शी ने दमदार उपस्थिति दर्ज कराई है। इस मौके पर जीवाजी यूनिवर्सिटी के रजिस्टार प्रो आनंद मिश्र और अखिल भारतीय इतिहास संकलन योजना के अध्यक्ष व वरिष्ठ इतिहासकार प्रो सतीश चन्द्र मिततल ने डाॅ अशोक प्रियदर्शी को प्रमाणपत्र देकर सम्मानित किया है। गौरतलब हो कि 19-20 मार्च को मध्य प्रदेश के ग्वालियर स्थित जीवाजी यूनिवर्सिटी में युवा इतिहासकारों का दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया गया। इसका आयोजन जीवाजी यूनिवर्सिटी और अखिल भारतीय इतिहास संकलन योजना के संयुक्त तत्वावधान में किया गया।
क्या उठाए सवाल

वरिष्ठ इतिहासकार डाॅ मितल का जवाब
डाॅ मितल ने कहा कि स्थानीय स्तर पर जवाहिर और एतवा के बारे में जानकारी हासिल कर बेहतर इतिहास लेखन संभव है। पत्रों और दस्तावेजों के जरिए भी उनके योगदानों के बारे में जानकारी हासिल किया जा सकता है। डाॅ मितल का मानना है कि भारतीय इतिहास लेखन पक्षपातपूर्ण रहा है। ब्रिट्रिश लेखकों ने लेखन में भी भारतीय को नीचा दिखाने की कोशिश की है। जबकि मुगलकालीन लेखकों ने शासकों का पसंदीदा इतिहास लेखन किया। बाद में भारतीय इतिहास लेखन शुरू हुआ लेकिन उसमें राष्ट्रीय चेतना का अभाव है।
कौन है जवाहिर और एतवा
जवाहिर नवादा जिले के नारदीगंज थाना के पसई गांव का रहने वाला था। जबकि एतवा रोह थाना के कर्णपुर गांव का रहनेवाला था। 1857 में जवाहिर और एतवा ने अंग्रेज अधिकारियों और जमींदारों के खिलाफ विद्रोह किया था। अंग्रेजों ने इसे डकैत का नाम दे रखा था, ताकि जवाहिर और एतवा के पक्ष में सामुहिक धु्रवीकरण नही हो।
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