बात पिछले साल की है। नवादा के ककोलत जलप्रपात में स्नान करने के लिए पटना से चार-पांच लोग आए थे। उनसबों ने शराब पी ली। उसके बाद अश्लील हरकत करने लगे। तब एक महिला के परिवार ने प्रतिकार किया। इसपर उलझ गए। यमुना बीच बचाव करने पहुंचा। बुरी तरह उलझ गए। शराबियों ने पिस्टल निकालरक फायरिंग कर दिया। यमुना ने पुलिस को सूचना दे दी। लिहाजा, पुलिस उनसबों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। लेकिन उनसबों ने यमुना पर भी मुकदमा कर दिया।
शराबियों का प्रतिकार के कारण यमुना के खिलाफ यह पहला मुकदमा नही है। 38 वर्षीय यमुना कहते हैं कि शराबियों के प्रतिकार के कारण पिछले 20 साल की अवधि में पांच दर्जन से अधिक मुकदमा दर्ज हुआ। हालांकि कोर्ट और पुलिस उन्हें जान गई है इसलिए उनके खिलाफ दर्ज ज्यादातर मुकदमा खत्म हो गए। अब तीन मुकदमा शेष रह गए हैं। सभी मुकदमा शराब पीकर हंगामा करनेवालों के प्रतिकार के कारण दर्ज हुआ था। हर साल औसतन तीन-चार मुकदमा दर्ज होते रहे हैं। लेकिन शराब बंदी से राहत दिख रही है।
मुश्किल कि ज्यादातर मुकाबला जनप्रतिनिधि, अधिकारी और उधोगपतियों के पुत्रों और सागिर्दाें से होती रही है। यमुना कहते हैं कि झूठा आरोप से मन विचलित होने लगता था। लेकिन प्रकृति की ताकत थी कि उन्हें हौसला नही खोने दिया। वह कहते हैं कि ककोलत की प्रकृति से लगाव है। वह चाहते हैं कि ककोलत की प्रतिष्ठा के खातिर ककोलत की सेवा कर रहे हैं।
शराबियों के प्रतिकार में गंवानी पड़ी थी नौकरी
यमुना को शराबियों के प्रतिकार में चैकीदार की नौकरी भी गंवानी पड़ी। 1998 में एक जज के पुत्र को शराब पीकर अश्लील हरकत करने का विरोध किया। प्रतिक्रिया में यमुना को जेल भेज दिया गया। 113 दिन जेल काटनी पड़ी थी। नौकरी भी खत्म कर दी गई थी। हालांकि यमुुना अब आरोप से बरी हो गया है।
पुरस्कार में मिली थी नौकरी
ककोलत में डूबे लोगों को बचाने के पुरस्कार के तौर पर तत्कालीन डीएम केके महतो और एसपी वसीर अहमद ने यमुना को चैकीदार की नौकरी दी थी। यमुना ककोलत में डूबे 96 सैलानियों को मरने से बचा चुका है। बहरहाल, यमुना को नवादा जिला प्रशासन ने एसपीओ के रूप में बहाल किया है। दरअसल, ककोलत पठारी और जंगली इलाका में है। नक्सल इलाका के कारण प्रशासन दूरी रखता है। लेकिन गरमी में काफी सैलानी पहुंचते हैं। लिहाजा, यमुना बतौर केयर टेकर सैलानियों की मदद करता है।
ककोलत से यमुना का अटूट नाता
ककोलत से यमुना का अटूट नाता रहा है। यमुना जब 12 साल का था। तब ककोलत में स्नान करने के दौरान एक युवक डूब गया था। तब यमुना 80 फीट खाई से युवक को जिंदा निकाला था। उसके बाद से यमुना का नाम ट्रबल सूटर के रूप में लिया जाने लगा। दरअसल, ककोलत में बड़ी खाई थी। उसमें खोह था। इसमें लोग फंस जाते थे। लेकिन यमुना निकालने में कामयाब हो जाता था। हालांकि वह खडड अब भराया जा चुका है।
कौन है यमुना पासवान
यमुना पासवान नवादा जिले के गोविंदपुर थाना के एकतारा का निवासी है। उसके पिता रामू पासवान जब जीवित थे तभी इंदिरा आवास और भूदान में एक एकड़ जमीन मिली थी। उसी जमीन से यमुना के परिवार का परवरिश होता है। यमुना की तीन बेटे और दो बेटियां है। बहरहाल, यमुना 40 सदस्यीय कमेटी बनाया है। यह कमेटी स्थानीय स्तर पर सुविधा उपलब्ध कराता है।
No comments:
Post a Comment