डॉ अशोक कुमार प्रियदर्शी
तभी परवेज अख्तर के निर्देशन में रक्त कल्याण में शानदार भूमिका ने रूख मोड़ दिया। कई मंचों पर नाटकों का मंचन की। आसिमा की तुलना फिल्म अभिनेत्री रेखा से किया जाने लगा था। इसका असर यह हुआ कि आसिमा अभिनय की ओर रूख की। 14 साल पहले दिल्ली एनएसडी से पास की। पुणे से फिल्म अभिनय का कोर्स की।
कलरस चैनल पर प्रसारित बैरी पिया की बड़ी ठकुराइन को सिरियल के दर्शक बखूबी जानते हैं। लेकिन बड़ी ठकुराइन कहां की है यह उनके मुहल्ला के लोग भी नही जानते। जाननेवाली बात है कि टीवी स्क्रीन पर दिखनेवाली बड़ी ठकुराइन कोई दूसरी महिला नही है। वह वही कं्राति भटट् हैं, जो ढाई दशक पहले नवादा की सड़कों पर शोभा दी रंग संस्था के बैनर तले शषिभूषण सिन्हा के निर्देशन में -औरत- नुक्कड़ नाटक का मंचन किया करती थी।
फर्क यही है तब वह अपने उपनाम क्रांति भटट् के नाम से पहचानी जाती थी लेकिन अब वह असली नाम आसिमा भटट से जानी जाती हैं। अब वह मसहूर फिल्म निर्माता मधुर भंडारकर की फिल्म कैलेंडर गर्ल में एक्ट्रेस के रूप में सामने आ रही हैं। यह फिल्म 2015 में रीलिज हो रही है। यही नहीं, वह मेघना गुलजार की फिल्म में भी काम कर रही हैं। लेकिन आसिमा की अतीत पर गौर करें तो उसे अभिनय से लगाव जरूर था, लेकिन इसमें कॅरियर के बारे में नही सोचीं थी। वह पटना में पढ़ाई की। पत्रकारिता में सक्रिय थीं।
पिछले साल 26 जनवरी को जिस लघु फिल्म अंधविश्वास (बलाइंड फेथ) के निर्देशन को लेकर महेश बी पाटिल को कर्नाटक सरकार ने सम्मानित किया, उसमें अभिनय आसिमा ने ही की थी। अंजान औरत का खत नाटक में आसिमा की बिल्कूल अलग पहचान है। आसिमा कहतीं हैं कि दिल्ली में जब कभी इस नाटक का मंचन हुआ तब लेखक राजेन्द्र यादव (अब नही रहे) देखा करते थे। यही नहीं, लोगों को भी कहने से नही चूकते थे कि इस नाटक के बिना नाटक की चर्चा पूरी नही होती।
यही नहीं, आसिमा टीवी सिरियल और लघू फिल्म में अपनी मजबूत पहचान बनाई है। दूरदर्शन और निजी चैनल्स पर प्रसारित दर्जनों सिरियलस में शानदार उपस्थिति दर्ज कराई हैं। आसिमा के पिता सुरेश भटट जानेमाने समाजसेवी थे। हालांकि अब वे नही रहे। हालांकि आसिमा परिवार से जुड़ी रही हैं। अपने पिता के जीवन पर किताब निकाल रही हैं। वह कहती हैं कि अभिनय की दुनिया में आने की वजह फिल्मों जैसी रही, लेकिन फिल्मी ही सही परन्तु अच्छी है।
आसिमा का प्रमुख अभिनय
नाटक- एक अंजान औरत का खत, द्रोपदी, शहर के नाम, मीरा नाची, नजिम हिकमत की कविताएं, अलेक्जेंडर पुस्किन का प्रेम कविताएं जैसे 100 से ज्यादा नाटक
सिरियलस- दूरदर्शन पर प्रसारित आत्मजा, अखण्ड, कलर्स चैनल पर मोहे रंग दे, बैरी पिया, सोनी टीवी पर रिश्तों से बड़ी प्रथा, लाइफ ओके पर तुम देना साथ मेरा जैसे दर्जनों सिरियल्स।
लघु फिल्म-हिन्दी की लघु फिल्म बिटिया (सेव गर्ल चाइल्ड), डोमस्टिक वाइलेंस, ये ब्लाइंड फेथ, स्पॉट ब्याय, डायरेक्टर्स लव, ओह लॉर्ड, पोस्टर ब्यॉय और बंगला का एकला समेत अनेक लघु फिल्में।
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