Tuesday, 12 January 2016

मां की गीतों से मिली गीतकार बनने की प्रेरणा

अशोक प्रियदर्शी
उनके पिता किसान थे। मां गृहणी थी। वह पांच भाई हैं। उनके चार भाई खेती और बिजनेस सेे जुड़े हैं। लेकिन छोटे भाई की राह अलग है। वह गायक और कलाकार के रूप में अपनी पहचान बनाई है। हम बात कर रहे हैं बिहार के नवादा जिले के सदर प्रखंड के बेलाटांड निवासी प्रभू दयाल के छोटे पुत्र सुमित की। वह अपनी गीत और अभिनय के कारण सुमित अब सुमित बाबा बन गए हैं। सुमित- सइयां भइलन परदेसिया- में नायक के रूप मंे आ रहे हैं। इसके पहले भी कई फिल्मों में अभिनय कर चुके हैं।
दरअसल, सुमित का बचपन से संगीत से लगाव था। सुमित के प्रेरणास्त्रोत उनकी मां मुन्नी देवी हैं। सुमित कहते हैं कि गांव में शादी के समय गीत गाने के लिए उनकी मां का लोग इंतजार किया करते थे। उनकी मां की गीत की काफी तारीफ हुआ करता था। मां को मिलने वाले यह सम्मान उन्हें आकर्षित करता था। गीत संगीत धीरे धीरे मेरे लिए लक्ष्य बन गया। लेकिन यह कब बना इसका अहसास नही हुआ। सुमित के मुताबिक, मां का देखा देखी उन्होंने बचपन से ही गाना गाने लगा था। गांव और स्कूलों में सराहा जाने लगा। 
तभी नवादा पातालपुरी संगीत विघालय के संगीत गुरु पंडित रघुनन्दन शर्मा जी का सानिध्य मिला। उनसे संगीत की शुरूआती शिक्षा ली। कालांतर में इलाहाबाद संगीत संस्थान से संगीत प्रभाकर किया। हालांकि सुमित बताते हैं कि उनके माता पिता उन्हें सरकारी जाॅब कराना चाहते थे। लिहाजा, बलिया स्थित एग्रीकल्चर काॅलेज में दाखिला करवाया गया था। लेकिन संगीत से लगाव का ही नतीजा कि वह बलिया से पटना लौट आए । 

सुमित को बड़ा अवसर
     शुरुआती दौर में नाट्य मंचों के अलावा रेडियो और टीवी पर गीत गाने का अवसर मिला करता था। लेकिन अपनी प्रतिभा के कारण सुमित जल्द ही पाशर््व गायक के रूप में पहचान स्थापित कर लिया। 2005 मंे टी0 सीरीज से आमंत्रण ने सुमित की राह आसान कर दिया। वीडियो एलबमों में गायकी और अभिनय से सुमित की प्रतिभा में निखार आ गया। करीब 150 भोजपुरी फिल्मों औरं म्यूजिक एलबमों मेें सुमित की दमदार उपस्थिति है। यही नहीं, बाॅलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन अभिनित भोजपुरी फिल्म ’गंगा’ के सुपर हिट गाना- लिट्टी चोखा बनल बा बङा मजेदार..... की आवाज सुमित ने दी है। 


अभिनय का सफर
     सुमित अभिनेता के तौर पर अशोक चंद जैन र्निमित और दुलार चंद निर्देशित बड़की माई सुमित की पहली फिल्म थी। विनय आनंद निर्मित गुलाब थियेटर सुमित की एक चर्चित फिल्म थी जो व्यवसायिक रुप से सफल फिल्म माना गया। सैयां भईलन परदेसिया और तुफान उनकी आने वाली फिल्म है। 

खासियत
सुमित केवल पारिवारिक पेशा खेती बारी से अलग पहचान नही बनाई। उन्हांेंने भाषाई बाधा को सहजता से पार किया। सुमित मगही भाषी परिवार से आते हैं। फिर भी उन्होंने भोजपुरी में अपनी पहचान बनाई है। मगध क्षेत्र में सुमित अकेला भोजपुरी का चर्चित कलाकार माना जाता है। सुमित को परेशानियां भी कम नही हुई। लेकिन उन परेशानियों को सीढ़ी समझकर मंजिल तय किया। सुमित कहते हैं परेशानियों से लोगों को विचलित नही होना चाहिए। सुमित एक गीत के जरिए कहते हैं- तुम मसलो मासूम कलियों को, हम हार बनायेंगे। कुछ कागज और कलम को ही हथियार बनायेंगे।। 

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